राजस्थान सहकारी बैंक और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों (DCCB) में आईबीपीएस (IBPS) के माध्यम से दिसंबर 2024 में 449 पदों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई थी। मई 2025 में परिणाम घोषित हुआ लेकिन नतीजों के बाद धीरे-धीरे इस भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली (Cheating) और अनियमितताओं का खुलासा होने लगा।
कई बैंकिंग सहायकों को नकल और अनुचित साधनों (Unfair Means) के इस्तेमाल का दोषी पाया गया। अब तक चार बैंकिंग सहायकों की सेवाएं समाप्त की जा चुकी हैं। कई उम्मीदवारों पर जॉइनिंग से पहले ही बर्खास्तगी की कार्रवाई हो चुकी है।
मेहनती छात्रों के साथ विश्वासघात
हजारों युवाओं ने इस भर्ती परीक्षा के लिए दिन-रात मेहनत की, ईमानदारी से तैयारी की, लेकिन सीटें उन लोगों ने हथिया लीं जिन्होंने पैसे और अनुचित तरीकों से चयन पाया। यह ईमानदार मेहनती उम्मीदवारों के लिए बहुत बड़ी नाइंसाफी (Injustice) है।
लोग कह रहे हैं:
“अगर पैसा और चोरी से ही नौकरी मिलेगी तो मेहनत करने का क्या फायदा?”
“सरकार और भर्ती बोर्ड ने ईमानदार युवाओं का हक छीन लिया।”
असली खेल मैनेजर पोस्ट की परीक्षा में
बैंकिंग असिस्टेंट में तो कई मामले उजागर हो चुके हैं, लेकिन असली खेल तो मैनेजर पोस्ट की परीक्षा में हुआ है।
सूत्रों के अनुसार, इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है। कई ऐसे नाम शामिल हुए हैं जिनका मेरिट और अंक सामान्य स्तर से कहीं ज्यादा संदिग्ध हैं। यहां पैसों और रसूख का खेल बैंकिंग असिस्टेंट की तुलना में कहीं अधिक बताया जा रहा है।
युवाओं का कहना है कि – “भर्ती बोर्ड ने असली घोटाला मैनेजर पोस्ट में छुपा दिया है, वहीं सबसे ज्यादा गड़बड़ी हुई है।”
कोर्ट में लंबित याचिकाएँ
इस धांधली के खिलाफ कई अभ्यर्थियों ने जयपुर हाईकोर्ट में याचिकाएँ दायर की हैं। कोर्ट ने भी नोटिस जारी कर दिए हैं और सुनवाई 6 सितंबर 2025 को तय है। अब सभी की नजरें कोर्ट पर टिकी हैं कि क्या न्याय मिलेगा या नहीं।
युवाओं की माँग – भर्ती रद्द हो या परिणाम संशोधित हो
अभ्यर्थियों की सबसे बड़ी मांग है कि –
1. इस भर्ती को पूरी तरह रद्द किया जाए।
2. या फिर नए सिरे से रिजल्ट जारी किया जाए ताकि मेहनती और ईमानदार छात्रों का हक सुरक्षित हो।
3. दोषी केंद्र और अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
प्रतिक्रिया
“यह पूरी भर्ती घोटालेबाज़ों की जेब गर्म करने का जरिया बन गई है।”
“सरकारी तंत्र ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया।”
“ईमानदारी का कोई मोल नहीं बचा, सब पैसे और जुगाड़ से ही नौकरी पा रहे हैं।”
“अगर यही हाल रहा तो युवा मेहनत छोड़ देंगे और भ्रष्टाचार को अपनाने लगेंगे।”
सहकारी बैंक भर्ती 2025 की यह धांधली सिर्फ बैंकिंग असिस्टेंट ही नहीं, बल्कि मैनेजर पोस्ट तक गहरी पहुँच चुकी है। यह सिर्फ कुछ उम्मीदवारों का मामला नहीं है, बल्कि हजारों ईमानदार युवाओं के भविष्य पर एक गहरा सवाल है। जब तक ऐसी भर्तियों में पारदर्शिता नहीं लाई जाएगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होगी, तब तक युवाओं का सिस्टम से विश्वास उठता रहेगा।