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₹2,400 करोड़ का बैंकिंग फ्रॉड: PNB ने RBI को क्यों दी जानकारी? पूरा मामला विस्तार से

भारत के बैंकिंग सेक्टर में एक बार फिर बड़ा झटका सामने आया है।
Punjab National Bank (PNB) ने ₹2,400 करोड़ से ज्यादा के borrowal fraud की जानकारी Reserve Bank of India (RBI) को दी है। यह मामला Shree Group की दो NBFC कंपनियों से जुड़ा हुआ है, जिन पर लोन की रकम के गलत इस्तेमाल और फाइनेंशियल हेरफेर के गंभीर आरोप लगे हैं।

यह खबर न केवल बैंकिंग सिस्टम बल्कि निवेशकों और आम जनता के लिए भी बेहद अहम है।

पूरा मामला क्या है?

PNB की जांच में सामने आया कि Shree Group की दो कंपनियों — Shree Equipment Finance Ltd और Shree Infrastructure Finance Ltd — ने बैंक से लिए गए लोन का गलत इस्तेमाल किया। इन कंपनियों ने लोन की रकम तय कामों में लगाने के बजाय दूसरी जगह खर्च की, फाइनेंशियल रिकॉर्ड में गड़बड़ी की और अपनी संपत्तियों की कीमत ज्यादा दिखाकर बैंक को गुमराह किया। इसी वजह से PNB ने करीब ₹2,434 करोड़ के इस मामले को Borrowal Fraud घोषित कर RBI को रिपोर्ट किया। फिलहाल दोनों कंपनियां Insolvency Process में हैं और अब इस केस में कानूनी व रिकवरी की कार्रवाई आगे बढ़ाई जा रही है।

NBFC क्या होती है?

NBFC यानी Non-Banking Financial Company —
ये कंपनियां बैंक की तरह लोन देती हैं लेकिन इनके पास बैंकिंग लाइसेंस नहीं होता। इन्हें RBI regulate करता है

NBFC मुख्य रूप से इन सेक्टर्स में काम करती हैं:
 • इंफ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस
 • मशीनरी व इक्विपमेंट लोन
 • हाउसिंग फाइनेंस
 • व्हीकल फाइनेंस

Borrowal Fraud क्या होता है?

जब कोई कंपनी:
 • लोन किसी खास उद्देश्य के लिए ले
 • लेकिन पैसे को कहीं और डायवर्ट कर दे
 • फर्जी दस्तावेज दिखाए
 • एसेट वैल्यू बढ़ा-चढ़ाकर बताए
 • या रीपेमेंट क्षमता को गलत दिखाए

तो उसे Borrowal Fraud कहा जाता है।

नोट: बिज़नेस फेल होना फ्रॉड नहीं है, लेकिन लोन का गलत इस्तेमाल करना फ्रॉड है।

PNB की फॉरेंसिक जांच में सामने आया कि इन कंपनियों ने:
 • लोन फंड्स को डायवर्ट किया
 • फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स में हेरफेर किया
 • सिक्योरिटी और कोलैटरल ओवरस्टेट किया

PNB ने RBI को क्यों रिपोर्ट किया?

RBI के Master Directions on Frauds के तहत:
 • जैसे ही फ्रॉड कन्फर्म होता है
 • बैंक को तुरंत RBI को रिपोर्ट करना अनिवार्य है

PNB ने Internal Audit, Forensic Audit और Transaction Level जांच के बाद इन खातों को Fraud Accounts घोषित किया।

 क्या PNB को बड़ा नुकसान होगा?

PNB ने पहले ही इन खातों पर 100% Provisioning कर रखी है।

Provisioning का मतलब:
बैंक मान चुका है कि पैसा वापस नहीं आएगा और वह नुकसान पहले ही अपने प्रॉफिट से काट चुका है।

 इसलिए इस फ्रॉड का PNB के आने वाले फाइनेंशियल रिजल्ट पर बड़ा असर नहीं पड़ेगा

Insolvency बनाम Criminal Action

Insolvency (IBC के तहत):
 • एसेट्स का समाधान
 • लोन रिकवरी की कोशिश
 • नया खरीदार या मैनेजमेंट

Criminal Action (अगर फ्रॉड साबित हुआ):
 • CBI जांच
 • ED की कार्रवाई
 • प्रमोटर्स की गिरफ्तारी
 • निजी संपत्तियों की कुर्की

 प्रमोटर्स पर कार्रवाई क्यों?

PNB के अनुसार, फ्रॉड के समय कंपनियों का कंट्रोल प्रमोटर्स के पास था।
इसलिए जवाबदेही प्रमोटर्स की होगी, न कि भविष्य में आने वाले नए मैनेजमेंट की।

इस केस से क्या सीख मिलती है?

यह मामला दिखाता है:
 • 2018 से पहले NBFC सेक्टर में निगरानी कमजोर थी
 • 2018-19 NBFC संकट के बाद नियम सख्त हुए
 • अब फ्रॉड जल्दी पकड़े जा रहे हैं

यह भारतीय बैंकिंग सिस्टम के लिए एक बड़ा चेतावनी संकेत है।

PNB का यह ₹2,400 करोड़ का फ्रॉड केस साबित करता है कि:
 • बैंकिंग निगरानी बेहद जरूरी है
 • प्रमोटर्स की जवाबदेही अहम है
 • RBI के नियम सिस्टम को मजबूत बनाते हैं

आने वाले समय में इस मामले में बड़ी कानूनी और रिकवरी कार्रवाइयां देखने को मिल सकती हैं।

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