24 जुलाई से 1 अगस्त 2025 तक आयोजित SSC Selection Post Phase 13 परीक्षा पूरे देश में छात्र-शिक्षक समुदाय के लिए एक दर्दनाक अनुभव बनकर उभरी। अचानक परीक्षा रद्दी, तकनीकी ग़ड़बड़ियाँ, गलत सेंटर अलॉटमेंट—इन सबने हजारों अभ्यर्थियों को आर्थिक और मानसिक रूप से झकझोर दिया। इसके खिलाफ दिल्ली में जब “Delhi Chalo” आंदोलन शुरू हुआ, तो इसे लीड किया देश के लोकप्रिय गणित शिक्षक Abhinay Sir ने। छात्रों की पीड़ा को मंच और दिशा देने वाले इस आंदोलन में देशभर के अभ्यर्थी और शिक्षक भी कंधे से कंधा मिलाकर शामिल हुए।
समस्या
1. अंतिम समय पर परीक्षा रद्द और सेंटर भ्रम
कई अभ्यर्थियों ने बताया कि उन्हें मध्य या दक्षिण भारत से उत्तर भारत तक की यात्रा करनी पड़ी, होटल में रुकना पड़ा, लेकिन परीक्षा केंद्र पहुँचने पर उन्हें बताया गया कि उनकी परीक्षा रद्द कर दी गई है—वो भी बिना किसी सूचना के।
2. तकनीकी और व्यवस्थागत फेल्योर
कंप्यूटर बार-बार क्रैश हो रहे थे
बायोमेट्रिक सिस्टम काम नहीं कर रहा था
कई उम्मीदवारों को गलत सेंटर अलॉट हुआ
इन सबका सीधा आरोप SSC द्वारा हाल ही में बदले गए परीक्षा वेंडर पर लगाया गया है, जिसकी क्षमता पर पहले से ही सवाल उठ रहे थे।
प्रदर्शन का नेतृत्व: Abhinay Sir का प्रभावशाली रोल
इस पूरे विरोध का सबसे मजबूत और संगठित चेहरा Abhinay Maths के नाम से लोकप्रिय Abhinay Sir बने। उन्होंने न सिर्फ सोशल मीडिया के ज़रिए छात्रों को आवाज़ दी, बल्कि दिल्ली के मैदान में उतरकर आंदोलन को नेतृत्व प्रदान किया। शांतिपूर्ण लेकिन दमदार विरोध प्रदर्शन के पीछे उनकी रणनीति, संयमित भाषा और छात्रों के लिए समर्पण ने उन्हें इस आंदोलन का वास्तविक नेता बना दिया।
अन्य शिक्षकों का समर्थन और गिरफ्तारी
Abhinay Sir के नेतृत्व को समर्थन देने के लिए कई अन्य प्रसिद्ध शिक्षक भी मैदान में उतरे—Neetu Singh Mam, Rakesh Yadav Sir, Gagan Pratap Sir, और Ranjan Sir ने आंदोलन को मजबूती दी।
इन शिक्षकों ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन में हिस्सा लिया और प्रतीकात्मक रूप से गिरफ्तारी भी दी। लेकिन जब पुलिस ने इन्हें हिरासत में लिया, तब सोशल मीडिया पर छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा। सवाल उठे कि क्या शांतिपूर्ण मांग उठाने वालों को ऐसे चुप कराया जाएगा?
सोशल मीडिया बना आंदोलन का हथियार
X (पूर्व में ट्विटर), Instagram और YouTube पर लाखों छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए—परीक्षा रद्द होने की पीड़ा, सेंटर की गड़बड़ी, पुलिस व्यवहार और शिक्षक गिरफ्तारी के वीडियो वायरल हो गए। हैशटैग्स जैसे #SSCMisManagement, #JusticeForAspirants, और #SSCSystemSudharo लगातार ट्रेंड कर रहे हैं।
समाधान (Systemic Reforms Required)
वेंडर की समीक्षा और जवाबदेही तय करना
सूचना व्यवस्था में पारदर्शिता लाना
छात्र और शिक्षक प्रतिनिधियों को SSC सुधार प्रक्रिया में शामिल करना
यह केवल एक परीक्षा की विफलता नहीं थी, यह उस भरोसे की टूटन है जो लाखों युवाओं ने SSC पर जताया था। Abhinay Sir के नेतृत्व में जिस तरह छात्रों और शिक्षकों ने एकजुटता दिखाई, वह भारत में शिक्षा व्यवस्था के प्रति गंभीर सवाल उठाता है।
अब समय है कि SSC केवल जांच का नाटक न करे, बल्कि ठोस सुधार, जवाबदेही, और संवाद को अपनाए—वरना आने वाले SSC CGL जैसी परीक्षाएं भी इसी संकट में घिर सकती हैं।
यह आंदोलन सिर्फ सोशल मीडिया की चिंगारी नहीं—यह एक जागृत छात्र शक्ति की चेतावनी है, जिसे नजरअंदाज़ करना आने वाली पीढ़ियों को अंधेरे में धकेलने जैसा होगा