केंद्र सरकार ने आखिरकार 8वें केंद्रीय वेतन आयोग (8th Pay Commission) को लेकर बड़ा निर्णय ले लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में वेतन आयोग के विचारार्थ विषयों को मंजूरी दे दी गई है।
इससे अब देशभर के केंद्रीय कर्मचारियों, पेंशनभोगियों और सरकारी अधिकारियों में जबरदस्त उत्साह है, क्योंकि यह फैसला सीधा उनके वेतन, भत्तों और पेंशन संरचना को प्रभावित करेगा।
कब से लागू होगा 8वां वेतन आयोग?
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। आयोग का गठन जनवरी 2026 में किया जाएगा और इसे अपनी रिपोर्ट 18 महीनों के भीतर प्रस्तुत करनी होगी। इसका मतलब है कि 2027 के मध्य तक कर्मचारियों को नया वेतनमान मिलने की संभावना है।
8वें वेतन आयोग का उद्देश्य
वित्त मंत्रालय के अनुसार, नया आयोग निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करेगा:
1. देश की आर्थिक स्थिति और राजकोषीय विवेक का संतुलन।
2. सरकारी कर्मचारियों के लिए वेतन एवं भत्तों का यथोचित निर्धारण।
3. न्यूनतम और अधिकतम वेतन अनुपात को संतुलित करना।
4. पेंशन योजनाओं के गैर-राजकोषीय प्रभावों का मूल्यांकन।
5. केंद्र और राज्य सरकारों पर आर्थिक प्रभाव का अध्ययन।
कितना बढ़ेगा वेतन?
पिछले वेतन आयोगों के ट्रेंड को देखते हुए उम्मीद की जा रही है कि इस बार भी वेतन में 25% से 35% तक की बढ़ोतरी हो सकती है।
6वां वेतन आयोग (2006): वेतन 40% तक बढ़ा था, 7वां वेतन आयोग (2016): वेतन 14-20% बढ़ा और 8वां वेतन आयोग (2026): अनुमानित 25-35% वृद्धि
सूत्रों के अनुसार, फिटमेंट फैक्टर 2.57 से बढ़कर 2.86 या उससे अधिक हो सकता है।
इससे केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी ₹41,000 – ₹51,000 तक पहुंच सकती है।
कितने लोगों को मिलेगा लाभ?
लगभग 50 लाख केंद्रीय कर्मचारी और 70 लाख पेंशनभोगी इस फैसले से लाभान्वित होंगे।
यह केवल वेतन वृद्धि नहीं बल्कि जीवन स्तर सुधार का प्रतीक माना जा रहा है।
क्या है “Terms of Reference”?
“टर्म्स ऑफ रेफरेंस” यानी आयोग के काम करने के दायरे और नियम। इसमें यह तय किया गया है कि आयोग को किन बिंदुओं पर रिपोर्ट देनी है —
जैसे कि आर्थिक स्थिति, सरकारी खर्च, पेंशन योजनाएं, और निजी क्षेत्र से तुलना आदि।
राजनीतिक और आर्थिक महत्व
8वां वेतन आयोग केवल आर्थिक पहल नहीं है, बल्कि यह राजनीतिक दृष्टि से भी अहम फैसला है।
क्योंकि इसका प्रभाव सीधे मध्यवर्गीय मतदाताओं पर पड़ेगा।
2026 में लागू होने वाला यह आयोग 2029 के लोकसभा चुनाव से पहले बड़ा गेमचेंजर साबित हो सकता है।
उम्मीदों का नया अध्याय
8वें वेतन आयोग की मंजूरी से केंद्रीय कर्मचारियों में नई ऊर्जा और विश्वास पैदा हुआ है। यह फैसला न केवल आर्थिक राहत देगा बल्कि कर्मचारियों के उत्पादकता को भी बढ़ाएगा।
अगर अनुमान सही रहा तो 2026 भारत के सरकारी कर्मचारियों के लिए सुनहरा साल साबित होगा।

