सावन माह 2025: व्रत, महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजन विधि – जानिए क्यों खास है भोलेनाथ का प्रिय महीना?

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July 14, 2025

सावन 2025 कब से कब तक है?


सावन मास की शुरुआत इस वर्ष 11 जलाई 2025 (गुरुवार) से हो चुकी है और यह समाप्त होगा 9 अगस्त 2025 (शनिवार) को। यह माह भगवान शिव को समर्पित होता है और इस पूरे महीने में भोलेनाथ की पूजा, व्रत और रुद्राभिषेक का विशेष महत्व होता है।

 सावन माह का धार्मिक महत्व

सावन हिन्दू पंचांग के अनुसार श्रावण मास कहलाता है, जो वर्षा ऋतु का प्रमुख महीना होता है। यह भगवान शिव का अत्यंत प्रिय मास माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में देवी सती ने शिव जी को पति रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। यही कारण है कि विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं इस माह में सोमवार व्रत रखकर शिव जी से उत्तम वर की कामना करती हैं।

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क्यों मनाया जाता है सावन?

1. शिव विवाह की कथा: सावन में देवी पार्वती ने कठोर तप कर शिव जी को प्रसन्न किया और अंततः उनका विवाह हुआ।

2. समुद्र मंथन से निकला विष: इसी महीने समुद्र मंथन के समय विष निकला था जिसे शिव जी ने अपने कंठ में धारण कर लिया।

3. हरियाली और उपज की कामना: यह माह वर्षा का होता है, जिससे खेती और हरियाली का आगमन होता है। लोग भगवान शिव से अच्छी फसल की प्रार्थना करते हैं।

सावन में क्या करें? व्रत और पूजन विधि

1. सोमवार व्रत रखें – खासकर अविवाहित कन्याएं और विवाहित स्त्रियां।

2. जलाभिषेक करें – शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद, बेलपत्र चढ़ाएं।

3. “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें।

4. रुद्राष्टक, शिव चालीसा और शिवपुराण का पाठ करें।

5. सादा और सात्विक भोजन करें – लहसुन, प्याज और तामसिक भोजन से बचें।

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सावन के शुभ मुहूर्त 2025

तिथि वार विशेषता

14 जुलाई सोमवार पहला सावन सोमवार व्रत
21 जुलाई सोमवार दूसरा सावन सोमवार
28 जुलाई सोमवार तीसरा सावन सोमवार
4 अगस्त सोमवार चौथा और अंतिम सोमवार

इस बार सावन में चार सोमवार व्रत पड़ रहे हैं, जो अत्यंत शुभ माने जाते हैं।

सावन में किन बातों का रखें विशेष ध्यान?

शिव जी को तुलसी, केतकी के फूल, हल्दी, सिंदूर आदि अर्पित न करें। सोमवार के दिन मांस, शराब, प्याज-लहसुन का सेवन न करें। व्रत के दौरान क्रोध, अपशब्द और असत्य से बचें। जलाभिषेक करते समय ताम्बे के पात्र का प्रयोग न करें

व्रत का फल और आशीर्वाद

शास्त्रों के अनुसार, सावन सोमवार व्रत रखने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। विशेषकर विवाह, संतान सुख, रोग मुक्ति और आर्थिक समृद्धि के लिए यह व्रत फलदायी माना जाता है।

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